32فَذٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمُ الحَقُّ ۖ فَماذا بَعدَ الحَقِّ إِلَّا الضَّلالُ ۖ فَأَنّىٰ تُصرَفونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर यही अल्लाह तो है तुम्हारा वास्तविक रब। फिर आख़िर सत्य के पश्चात पथभ्रष्टता के अतिरिक्त और क्या रह जाता है? फिर तुम कहाँ से फिरे जाते हो?