28وَيَومَ نَحشُرُهُم جَميعًا ثُمَّ نَقولُ لِلَّذينَ أَشرَكوا مَكانَكُم أَنتُم وَشُرَكاؤُكُم ۚ فَزَيَّلنا بَينَهُم ۖ وَقالَ شُرَكاؤُهُم ما كُنتُم إِيّانا تَعبُدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल उस दिन से डराओ) जिस दिन सब को इकट्ठा करेगें-फिर मुशरेकीन से कहेंगें कि तुम और तुम्हारे (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीक ज़रा अपनी जगह ठहरो फिर हम वाहम उनमें फूट डाल देगें और उनके शरीक उनसे कहेंगे कि तुम तो हमारी परसतिश करते न थे