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Sura 10
Aya 21
21
وَإِذا أَذَقنَا النّاسَ رَحمَةً مِن بَعدِ ضَرّاءَ مَسَّتهُم إِذا لَهُم مَكرٌ في آياتِنا ۚ قُلِ اللَّهُ أَسرَعُ مَكرًا ۚ إِنَّ رُسُلَنا يَكتُبونَ ما تَمكُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और लोगों को जो तकलीफ पहुँची उसके बाद जब हमने अपनी रहमत का जाएक़ा चखा दिया तो यकायक उन लोगों से हमारी आयतों में हीले बाज़ी शुरू कर दी (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तद्बीर में ख़ुदा सब से ज्यादा तेज़ है तुम जो कुछ मक्कारी करते हो वह हमारे भेजे हुए (फरिश्ते) लिखते जाते हैं