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Sura 10
Aya 107
107
وَإِن يَمسَسكَ اللَّهُ بِضُرٍّ فَلا كاشِفَ لَهُ إِلّا هُوَ ۖ وَإِن يُرِدكَ بِخَيرٍ فَلا رادَّ لِفَضلِهِ ۚ يُصيبُ بِهِ مَن يَشاءُ مِن عِبادِهِ ۚ وَهُوَ الغَفورُ الرَّحيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (याद रखो कि) अगर ख़ुदा की तरफ से तुम्हें कोई बुराई छू भी गई तो फिर उसके सिवा कोई उसका दफा करने वाला नहीं होगा और अगर तुम्हारे साथ भलाई का इरादा करे तो फिर उसके फज़ल व करम का लपेटने वाला भी कोई नहीं वह अपने बन्दों में से जिसको चाहे फायदा पहुँचाएँ और वह बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है