100وَما كانَ لِنَفسٍ أَن تُؤمِنَ إِلّا بِإِذنِ اللَّهِ ۚ وَيَجعَلُ الرِّجسَ عَلَى الَّذينَ لا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि बगैर ख़ुदा की इजाज़त ईमान ले आए और जो लोग (उसूले दीन में) अक़ल से काम नहीं लेते उन्हीं लोगें पर ख़ुदा (कुफ़्र) की गन्दगी डाल देता है