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Sura 9
Aya 85
85
وَلا تُعجِبكَ أَموالُهُم وَأَولادُهُم ۚ إِنَّما يُريدُ اللَّهُ أَن يُعَذِّبَهُم بِها فِي الدُّنيا وَتَزهَقَ أَنفُسُهُم وَهُم كافِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उनके माल और उनकी औलाद (की कसरत) तुम्हें ताज्जुब (हैरत) में न डाले (क्योकि) ख़ुदा तो बस ये चाहता है कि दुनिया में भी उनके माल और औलाद की बदौलत उनको अज़ाब में मुब्तिला करे और उनकी जान निकालने लगे तो उस वक्त भी ये काफ़िर (के काफ़िर ही) रहें