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Sura 9
Aya 6
6
وَإِن أَحَدٌ مِنَ المُشرِكينَ استَجارَكَ فَأَجِرهُ حَتّىٰ يَسمَعَ كَلامَ اللَّهِ ثُمَّ أَبلِغهُ مَأمَنَهُ ۚ ذٰلِكَ بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) अगर मुशरिकीन में से कोई तुमसे पनाह मागें तो उसको पनाह दो यहाँ तक कि वह ख़ुदा का कलाम सुन ले फिर उसे उसकी अमन की जगह वापस पहुँचा दो ये इस वजह से कि ये लोग नादान हैं