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Sura 9
Aya 3
3
وَأَذانٌ مِنَ اللَّهِ وَرَسولِهِ إِلَى النّاسِ يَومَ الحَجِّ الأَكبَرِ أَنَّ اللَّهَ بَريءٌ مِنَ المُشرِكينَ ۙ وَرَسولُهُ ۚ فَإِن تُبتُم فَهُوَ خَيرٌ لَكُم ۖ وَإِن تَوَلَّيتُم فَاعلَموا أَنَّكُم غَيرُ مُعجِزِي اللَّهِ ۗ وَبَشِّرِ الَّذينَ كَفَروا بِعَذابٍ أَليمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ से हज अकबर के दिन (तुम) लोगों को मुनादी की जाती है कि ख़ुदा और उसका रसूल मुशरिकों से बेज़ार (और अलग) है तो (मुशरिकों) अगर तुम लोगों ने (अब भी) तौबा की तो तुम्हारे हक़ में यही बेहतर है और अगर तुम लोगों ने (इससे भी) मुंह मोड़ा तो समझ लो कि तुम लोग ख़ुदा को हरगिज़ आजिज़ नहीं कर सकते और जिन लोगों ने कुफ्र इख्तेयार किया उनको दर्दनाक अज़ाब की ख़ुश ख़बरी दे दो