You are here: Home » Chapter 8 » Verse 53 » Translation
Sura 8
Aya 53
53
ذٰلِكَ بِأَنَّ اللَّهَ لَم يَكُ مُغَيِّرًا نِعمَةً أَنعَمَها عَلىٰ قَومٍ حَتّىٰ يُغَيِّروا ما بِأَنفُسِهِم ۙ وَأَنَّ اللَّهَ سَميعٌ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ये सज़ा इस वजह से (दी गई) कि जब कोई नेअमत ख़ुदा किसी क़ौम को देता है तो जब तक कि वह लोग ख़ुद अपनी कलबी हालत (न) बदलें ख़ुदा भी उसे नहीं बदलेगा और ख़ुदा तो यक़ीनी (सब की सुनता) और सब कुछ जानता है