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Sura 8
Aya 34
34
وَما لَهُم أَلّا يُعَذِّبَهُمُ اللَّهُ وَهُم يَصُدّونَ عَنِ المَسجِدِ الحَرامِ وَما كانوا أَولِياءَهُ ۚ إِن أَولِياؤُهُ إِلَّا المُتَّقونَ وَلٰكِنَّ أَكثَرَهُم لا يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जब ये लोग लोगों को मस्जिदुल हराम (ख़ान ए काबा की इबादत) से रोकते है तो फिर उनके लिए कौन सी बात बाक़ी है कि उन पर अज़ाब न नाज़िल करे और ये लोग तो ख़ानाए काबा के मुतवल्ली भी नहीं (फिर क्यों रोकते है) इसके मुतवल्ली तो सिर्फ परहेज़गार लोग हैं मगर इन काफ़िरों में से बहुतेरे नहीं जानते