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Sura 76
Aya 31
31
يُدخِلُ مَن يَشاءُ في رَحمَتِهِ ۚ وَالظّالِمينَ أَعَدَّ لَهُم عَذابًا أَليمًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जिसको चाहे अपनी रहमत में दाख़िल कर ले और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है