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Sura 7
Aya 97
97
أَفَأَمِنَ أَهلُ القُرىٰ أَن يَأتِيَهُم بَأسُنا بَياتًا وَهُم نائِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर क्या बस्तियों के लोगों को इस और से निश्चिन्त रहने का अवसर मिल सका कि रात में उनपर हमारी यातना आ जाए, जबकि वे सोए हुए हो?