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Sura 7
Aya 54
54
إِنَّ رَبَّكُمُ اللَّهُ الَّذي خَلَقَ السَّماواتِ وَالأَرضَ في سِتَّةِ أَيّامٍ ثُمَّ استَوىٰ عَلَى العَرشِ يُغشِي اللَّيلَ النَّهارَ يَطلُبُهُ حَثيثًا وَالشَّمسَ وَالقَمَرَ وَالنُّجومَ مُسَخَّراتٍ بِأَمرِهِ ۗ أَلا لَهُ الخَلقُ وَالأَمرُ ۗ تَبارَكَ اللَّهُ رَبُّ العالَمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

बेशक उन लोगों ने अपना सख्त घाटा किया और जो इफ़तेरा परदाज़िया किया करते थे वह सब गायब (ग़ल्ला) हो गयीं बेशक तुम्हारा परवरदिगार ख़ुदा ही है जिसके (सिर्फ) 6 दिनों में आसमान और ज़मीन को पैदा किया फिर अर्श के बनाने पर आमादा हुआ वही रात को दिन का लिबास पहनाता है तो (गोया) रात दिन को पीछे पीछे तेज़ी से ढूंढती फिरती है और उसी ने आफ़ताब और माहताब और सितारों को पैदा किया कि ये सब के सब उसी के हुक्म के ताबेदार हैं