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Sura 7
Aya 53
53
هَل يَنظُرونَ إِلّا تَأويلَهُ ۚ يَومَ يَأتي تَأويلُهُ يَقولُ الَّذينَ نَسوهُ مِن قَبلُ قَد جاءَت رُسُلُ رَبِّنا بِالحَقِّ فَهَل لَنا مِن شُفَعاءَ فَيَشفَعوا لَنا أَو نُرَدُّ فَنَعمَلَ غَيرَ الَّذي كُنّا نَعمَلُ ۚ قَد خَسِروا أَنفُسَهُم وَضَلَّ عَنهُم ما كانوا يَفتَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जिसे हर तरह समझ बूझ के तफसीलदार बयान कर दिया है (और वह) ईमानदार लोगों के लिए हिदायत और रहमत है क्या ये लोग बस सिर्फ अन्जाम (क़यामत ही) के मुन्तज़िर है (हालांकि) जिस दिन उसके अन्जाम का (वक्त) आ जाएगा तो जो लोग उसके पहले भूले बैठे थे (बेसाख्ता) बोल उठेगें कि बेशक हमारे परवरदिगार के सब रसूल हक़ लेकर आये थे तो क्या उस वक्त हमारी भी सिफरिश करने वाले हैं जो हमारी सिफारिश करें या हम फिर (दुनिया में) लौटाएं जाएं तो जो जो काम हम करते थे उसको छोड़कर दूसरें काम करें