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Sura 7
Aya 43
43
وَنَزَعنا ما في صُدورِهِم مِن غِلٍّ تَجري مِن تَحتِهِمُ الأَنهارُ ۖ وَقالُوا الحَمدُ لِلَّهِ الَّذي هَدانا لِهٰذا وَما كُنّا لِنَهتَدِيَ لَولا أَن هَدانَا اللَّهُ ۖ لَقَد جاءَت رُسُلُ رَبِّنا بِالحَقِّ ۖ وَنودوا أَن تِلكُمُ الجَنَّةُ أورِثتُموها بِما كُنتُم تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और उन लोगों के दिल में जो कुछ (बुग़ज़ व कीना) होगा वह सब हम निकाल (बाहर कर) देगें उनके महलों के नीचे नहरें जारी होगीं और कहते होगें शुक्र है उस ख़ुदा का जिसने हमें इस (मंज़िले मक़सूद) तक पहुंचाया और अगर ख़ुदा हमें यहाँ न पहुंचाता तो हम किसी तरह यहाँ न पहुंच सकते बेशक हमारे परवरदिगार के पैग़म्बर दीने हक़ लेकर आये थे और उन लोगों से पुकार कर कह दिया जाएगा कि वह बेहिश्त हैं जिसके तुम अपनी कारग़ुज़ारियों की जज़ा में वारिस व मालिक बनाए गये हों