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Sura 7
Aya 22
22
فَدَلّاهُما بِغُرورٍ ۚ فَلَمّا ذاقَا الشَّجَرَةَ بَدَت لَهُما سَوآتُهُما وَطَفِقا يَخصِفانِ عَلَيهِما مِن وَرَقِ الجَنَّةِ ۖ وَناداهُما رَبُّهُما أَلَم أَنهَكُما عَن تِلكُمَا الشَّجَرَةِ وَأَقُل لَكُما إِنَّ الشَّيطانَ لَكُما عَدُوٌّ مُبينٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ग़रज़ धोखे से उन दोनों को उस (के खाने) की तरफ ले गया ग़रज़ जो ही उन दोनों ने इस दरख्त (के फल) को चखा कि (बेहश्ती लिबास गिर गया और समझ पैदा हुई) उन पर उनकी शर्मगाहें ज़ाहिर हो गयीं और बेहश्त के पत्ते (तोड़ जोड़ कर) अपने ऊपर ढापने लगे तब उनको परवरदिगार ने उनको आवाज़ दी कि क्यों मैंने तुम दोनों को इस दरख्त के पास (जाने) से मना नहीं किया था और (क्या) ये न जता दिया था कि शैतान तुम्हारा यक़ीनन खुला हुआ दुश्मन है