198وَإِن تَدعوهُم إِلَى الهُدىٰ لا يَسمَعوا ۖ وَتَراهُم يَنظُرونَ إِلَيكَ وَهُم لا يُبصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर उन्हें हिदायत की तरफ बुलाएगा भी तो ये सुन ही नहीं सकते और तू तो समझता है कि वह तुझे (ऑखें खोले) देख रहे हैं हालॉकि वह देखते नहीं