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Sura 7
Aya 192
192
وَلا يَستَطيعونَ لَهُم نَصرًا وَلا أَنفُسَهُم يَنصُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और वे न तो उनकी सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है?