170وَالَّذينَ يُمَسِّكونَ بِالكِتابِ وَأَقامُوا الصَّلاةَ إِنّا لا نُضيعُ أَجرَ المُصلِحينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जो लोग किताब को मज़बूती से थामते है और जिन्होंने नमाज़ क़ायम कर रखी है, तो काम को ठीक रखनेवालों के प्रतिदान को हम कभी अकारथ नहीं करते