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Sura 7
Aya 163
163
وَاسأَلهُم عَنِ القَريَةِ الَّتي كانَت حاضِرَةَ البَحرِ إِذ يَعدونَ فِي السَّبتِ إِذ تَأتيهِم حيتانُهُم يَومَ سَبتِهِم شُرَّعًا وَيَومَ لا يَسبِتونَ ۙ لا تَأتيهِم ۚ كَذٰلِكَ نَبلوهُم بِما كانوا يَفسُقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उनसे उस बस्ती के विषय में पूछो जो सागर-तट पर थी। जब वे सब्त के मामले में सीमा का उल्लंघन करते थे, जब उनके सब्त के दिन उनकी मछलियाँ खुले तौर पर पानी के ऊपर आ जाती थी और जो दिन उनके सब्त का न होता तो वे उनके पास न आती थी। इस प्रकार उनके अवज्ञाकारी होने के कारण हम उनको परीक्षा में डाल रहे थे