فَبَدَّلَ الَّذينَ ظَلَموا مِنهُم قَولًا غَيرَ الَّذي قيلَ لَهُم فَأَرسَلنا عَلَيهِم رِجزًا مِنَ السَّماءِ بِما كانوا يَظلِمونَ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो ज़ालिमों ने जो बात उनसे कही गई थी उसे बदल कर कुछ और कहना शुरू किया तो हमने उनकी शरारतों की बदौलत उन पर आसमान से अज़ाब भेज दिया