الَّذينَ يَتَّبِعونَ الرَّسولَ النَّبِيَّ الأُمِّيَّ الَّذي يَجِدونَهُ مَكتوبًا عِندَهُم فِي التَّوراةِ وَالإِنجيلِ يَأمُرُهُم بِالمَعروفِ وَيَنهاهُم عَنِ المُنكَرِ وَيُحِلُّ لَهُمُ الطَّيِّباتِ وَيُحَرِّمُ عَلَيهِمُ الخَبائِثَ وَيَضَعُ عَنهُم إِصرَهُم وَالأَغلالَ الَّتي كانَت عَلَيهِم ۚ فَالَّذينَ آمَنوا بِهِ وَعَزَّروهُ وَنَصَروهُ وَاتَّبَعُوا النّورَ الَّذي أُنزِلَ مَعَهُ ۙ أُولٰئِكَ هُمُ المُفلِحونَ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(यानि) जो लोग हमारे बनी उल उम्मी पैग़म्बर के क़दम बा क़दम चलते हैं जिस (की बशारत) को अपने हॉ तौरैत और इन्जील में लिखा हुआ पाते है (वह नबी) जो अच्छे काम का हुक्म देता है और बुरे काम से रोकता है और जो पाक व पाकीज़ा चीजे तो उन पर हलाल और नापाक गन्दी चीजे उन पर हराम कर देता है और (सख्त एहकाम का) बोझ जो उनकी गर्दन पर था और वह फन्दे जो उन पर (पड़े हुए) थे उनसे हटा देता है पस (याद रखो कि) जो लोग (नबी मोहम्मद) पर ईमान लाए और उसकी इज्ज़त की और उसकी मदद की और उस नूर (क़ुरान) की पैरवी की जो उसके साथ नाज़िल हुआ है तो यही लोग अपनी दिली मुरादे पाएंगें