126وَما تَنقِمُ مِنّا إِلّا أَن آمَنّا بِآياتِ رَبِّنا لَمّا جاءَتنا ۚ رَبَّنا أَفرِغ عَلَينا صَبرًا وَتَوَفَّنا مُسلِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतू हमसे उसके सिवा और काहे की अदावत रखता है कि जब हमारे पास ख़ुदा की निशानियाँ आयी तो हम उन पर ईमान लाए (और अब तो हमारी ये दुआ है कि) ऐ हमारे परवरदिगार हम पर सब्र (का मेंह बरसा)