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Sura 7
Aya 126
126
وَما تَنقِمُ مِنّا إِلّا أَن آمَنّا بِآياتِ رَبِّنا لَمّا جاءَتنا ۚ رَبَّنا أَفرِغ عَلَينا صَبرًا وَتَوَفَّنا مُسلِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

"और तू केबल इस क्रोध से हमें कष्ट पहुँचाने के लिए पीछे पड़ गया है कि हम अपने रब की निशानियों पर ईमान ले आए। हमारे रब! हमपर धैर्य उड़ेल दे और हमें इस दशा में उठा कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) हो।"