114قالَ نَعَم وَإِنَّكُم لَمِنَ المُقَرَّبينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिरऔन ने कहा (हॉ इनाम ही नहीं) बल्कि फिर तो तुम हमारे दरबार के मुक़र्रेबीन में से होगें