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Sura 7
Aya 101
101
تِلكَ القُرىٰ نَقُصُّ عَلَيكَ مِن أَنبائِها ۚ وَلَقَد جاءَتهُم رُسُلُهُم بِالبَيِّناتِ فَما كانوا لِيُؤمِنوا بِما كَذَّبوا مِن قَبلُ ۚ كَذٰلِكَ يَطبَعُ اللَّهُ عَلىٰ قُلوبِ الكافِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) ये चन्द बस्तियाँ हैं जिन के हालात हम तुमसे बयान करते हैं और इसमें तो शक़ ही नहीं कि उनके पैग़म्बर उनके पास वाजेए व रौशन मौजिज़े लेकर आए मगर ये लोग जिसके पहले झुठला चुके थे उस पर भला काहे को ईमान लाने वाले थे ख़ुदा यूं काफिरों के दिलों पर अलामत मुकर्रर कर देता है (कि ये ईमान न लाएँगें)