101تِلكَ القُرىٰ نَقُصُّ عَلَيكَ مِن أَنبائِها ۚ وَلَقَد جاءَتهُم رُسُلُهُم بِالبَيِّناتِ فَما كانوا لِيُؤمِنوا بِما كَذَّبوا مِن قَبلُ ۚ كَذٰلِكَ يَطبَعُ اللَّهُ عَلىٰ قُلوبِ الكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदये है वे बस्तियाँ जिनके कुछ वृत्तान्त हम तुमको सुना रहे है। उनके पास उनके रसूल खुली-खुली निशानियाँ लेकर आए परन्तु वे ऐसे न हुए कि ईमान लाते। इसका कारण यह था कि वे पहले से झुठलाते रहे थे। इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों के दिलों पर मुहर लगा देता है