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Sura 6
Aya 111
111
۞ وَلَو أَنَّنا نَزَّلنا إِلَيهِمُ المَلائِكَةَ وَكَلَّمَهُمُ المَوتىٰ وَحَشَرنا عَلَيهِم كُلَّ شَيءٍ قُبُلًا ما كانوا لِيُؤمِنوا إِلّا أَن يَشاءَ اللَّهُ وَلٰكِنَّ أَكثَرَهُم يَجهَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल सच तो ये है कि) हम अगर उनके पास फरिश्ते भी नाज़िल करते और उनसे मुर्दे भी बातें करने लगते और तमाम (मख़फ़ी(छुपी)) चीज़ें (जैसे जन्नत व नार वग़ैरह) अगर वह गिरोह उनके सामने ला खड़े करते तो भी ये ईमान लाने वाले न थे मगर जब अल्लाह चाहे लेकिन उनमें के अक्सर नहीं जानते