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Sura 5
Aya 66
66
وَلَو أَنَّهُم أَقامُوا التَّوراةَ وَالإِنجيلَ وَما أُنزِلَ إِلَيهِم مِن رَبِّهِم لَأَكَلوا مِن فَوقِهِم وَمِن تَحتِ أَرجُلِهِم ۚ مِنهُم أُمَّةٌ مُقتَصِدَةٌ ۖ وَكَثيرٌ مِنهُم ساءَ ما يَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर यह लोग तौरैत और इन्जील और (सहीफ़े) उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ़ से नाज़िल किये गए थे (उनके एहकाम को) क़ायम रखते तो ज़रूर (उनके) ऊपर से भी (रिज़क़ बरस पड़ता) और पॉवों के नीचे से भी उबल आता और (ये ख़ूब चैन से) खाते उनमें से कुछ लोग तो एतदाल पर हैं (मगर) उनमें से बहुतेरे जो कुछ करते हैं बुरा ही करते हैं