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Sura 5
Aya 18
18
وَقالَتِ اليَهودُ وَالنَّصارىٰ نَحنُ أَبناءُ اللَّهِ وَأَحِبّاؤُهُ ۚ قُل فَلِمَ يُعَذِّبُكُم بِذُنوبِكُم ۖ بَل أَنتُم بَشَرٌ مِمَّن خَلَقَ ۚ يَغفِرُ لِمَن يَشاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشاءُ ۚ وَلِلَّهِ مُلكُ السَّماواتِ وَالأَرضِ وَما بَينَهُما ۖ وَإِلَيهِ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

यहूदी और ईसाई कहते है, "हम तो अल्लाह के बेटे और उसके चहेते है।" कहो, "फिर वह तुम्हें तुम्हारे गुनाहों पर दंड क्यों देता है? बात यह नहीं है, बल्कि तुम भी उसके पैदा किए हुए प्राणियों में से एक मनुष्य हो। वह जिसे चाहे क्षमा करे और जिसे चाहे दंड दे।" और अल्लाह ही के लिए है बादशाही आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है वह भी, और जाना भी उसी की ओर है