41۞ إِنَّ اللَّهَ يُمسِكُ السَّماواتِ وَالأَرضَ أَن تَزولا ۚ وَلَئِن زالَتا إِن أَمسَكَهُما مِن أَحَدٍ مِن بَعدِهِ ۚ إِنَّهُ كانَ حَليمًا غَفورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह ही आकाशों और धरती को थामे हुए है कि वे टल न जाएँ और यदि वे टल जाएँ तो उसके पश्चात कोई भी नहीं जो उन्हें थाम सके। निस्संदेह, वह बहुत सहनशील, क्षमा करनेवाला है