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Sura 35
Aya 10
10
مَن كانَ يُريدُ العِزَّةَ فَلِلَّهِ العِزَّةُ جَميعًا ۚ إِلَيهِ يَصعَدُ الكَلِمُ الطَّيِّبُ وَالعَمَلُ الصّالِحُ يَرفَعُهُ ۚ وَالَّذينَ يَمكُرونَ السَّيِّئَاتِ لَهُم عَذابٌ شَديدٌ ۖ وَمَكرُ أُولٰئِكَ هُوَ يَبورُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो कोई प्रभुत्व चाहता हो तो प्रभुत्व तो सारा का सारा अल्लाह के लिए है। उसी की ओर अच्छा-पवित्र बोल चढ़ता है और अच्छा कर्म उसे ऊँचा उठाता है। रहे वे लोग जो बुरी चालें चलते है, उनके लिए कठोर यातना है और उनकी चालबाज़ी मटियामेट होकर रहेगी