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Sura 34
Aya 50
50
قُل إِن ضَلَلتُ فَإِنَّما أَضِلُّ عَلىٰ نَفسي ۖ وَإِنِ اهتَدَيتُ فَبِما يوحي إِلَيَّ رَبّي ۚ إِنَّهُ سَميعٌ قَريبٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कहो, "यदि मैं पथभ्रष्ट॥ हो जाऊँ तो पथभ्रष्ट होकर मैं अपना ही बुरा करूँगा, और यदि मैं सीधे मार्ग पर हूँ, तो इसका कारण वह प्रकाशना है जो मेरा रब मेरी ओर करता है। निस्संदेह वह सब कुछ सुनता है, निकट है।"