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Sura 34
Aya 42
42
فَاليَومَ لا يَملِكُ بَعضُكُم لِبَعضٍ نَفعًا وَلا ضَرًّا وَنَقولُ لِلَّذينَ ظَلَموا ذوقوا عَذابَ النّارِ الَّتي كُنتُم بِها تُكَذِّبونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तब (खुदा फरमाएगा) आज तो तुममें से कोई न दूसरे के फायदे ही पहुँचाने का इख्तेयार रखता है और न ज़रर का और हम सरकशों से कहेंगे कि (आज) उस अज़ाब के मज़े चखो जिसे तुम (दुनिया में) झुठलाया करते थे