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Sura 34
Aya 12
12
وَلِسُلَيمانَ الرّيحَ غُدُوُّها شَهرٌ وَرَواحُها شَهرٌ ۖ وَأَسَلنا لَهُ عَينَ القِطرِ ۖ وَمِنَ الجِنِّ مَن يَعمَلُ بَينَ يَدَيهِ بِإِذنِ رَبِّهِ ۖ وَمَن يَزِغ مِنهُم عَن أَمرِنا نُذِقهُ مِن عَذابِ السَّعيرِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और सुलैमान के लिए वायु को वशीभुत कर दिया था। प्रातः समय उसका चलना एक महीने की राह तक और सायंकाल को उसका चलना एक महीने की राह तक - और हमने उसके लिए पिघले हुए ताँबे का स्रोत बहा दिया - और जिन्नों में से भी कुछ को (उसके वशीभूत कर दिया था,) जो अपने रब की अनुज्ञा से उसके आगे काम करते थे। (हमारा आदेशा था,) "उनमें से जो हमारे हुक्म से फिरेगा उसे हम भडकती आग का मज़ा चखाएँगे।"