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Sura 33
Aya 55
55
لا جُناحَ عَلَيهِنَّ في آبائِهِنَّ وَلا أَبنائِهِنَّ وَلا إِخوانِهِنَّ وَلا أَبناءِ إِخوانِهِنَّ وَلا أَبناءِ أَخَواتِهِنَّ وَلا نِسائِهِنَّ وَلا ما مَلَكَت أَيمانُهُنَّ ۗ وَاتَّقينَ اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ كانَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ شَهيدًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

न उनके लिए अपने बापों के सामने होने में कोई दोष है और न अपने बेटों, न अपने भाइयों, न अपने भतीजों, न अपने भांजो, न अपने मेल की स्त्रियों और न जिनपर उन्हें स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो उनके सामने होने में। अल्लाह का डर रखो, निश्चय ही अल्लाह हर चीज़ का साक्षी है