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Sura 33
Aya 19
19
أَشِحَّةً عَلَيكُم ۖ فَإِذا جاءَ الخَوفُ رَأَيتَهُم يَنظُرونَ إِلَيكَ تَدورُ أَعيُنُهُم كَالَّذي يُغشىٰ عَلَيهِ مِنَ المَوتِ ۖ فَإِذا ذَهَبَ الخَوفُ سَلَقوكُم بِأَلسِنَةٍ حِدادٍ أَشِحَّةً عَلَى الخَيرِ ۚ أُولٰئِكَ لَم يُؤمِنوا فَأَحبَطَ اللَّهُ أَعمالَهُم ۚ وَكانَ ذٰلِكَ عَلَى اللَّهِ يَسيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम्हारे साथ कृपणता से काम लेते है। अतः जब भय का समय आ जाता है, तो तुम उन्हें देखते हो कि वे तुम्हारी ओर इस प्रकार ताक रहे कि उनकी आँखें चक्कर खा रही है, जैसे किसी व्यक्ति पर मौत की बेहोशी छा रही हो। किन्तु जब भय जाता रहता है तो वे माल के लोभ में तेज़ ज़बाने तुमपर चलाते है। ऐसे लोग ईमान लाए ही नहीं। अतः अल्लाह ने उनके कर्म उनकी जान को लागू कर दिए। और यह अल्लाह के लिए बहुत सरल है