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Sura 33
Aya 17
17
قُل مَن ذَا الَّذي يَعصِمُكُم مِنَ اللَّهِ إِن أَرادَ بِكُم سوءًا أَو أَرادَ بِكُم رَحمَةً ۚ وَلا يَجِدونَ لَهُم مِن دونِ اللَّهِ وَلِيًّا وَلا نَصيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कहो, "कहो है जो तुम्हें अल्लाह से बचा सकता है, यदि वह तुम्हारी कोई बुराई चाहे या वह तुम्हारे प्रति दयालुता का इरादा करे (तो कौन है जो उसकी दयालुता को रोक सके)?" वे अल्लाह के अल्लाह के अलावा न अपना कोई निकटवर्ती समर्थक पाएँगे और न (दूर का) सहायक