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Sura 32
Aya 3
3
أَم يَقولونَ افتَراهُ ۚ بَل هُوَ الحَقُّ مِن رَبِّكَ لِتُنذِرَ قَومًا ما أَتاهُم مِن نَذيرٍ مِن قَبلِكَ لَعَلَّهُم يَهتَدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

(क्या वे इसपर विश्वास नहीं रखते) या वे कहते है कि "इस व्यक्ति ने इसे स्वयं ही घड़ लिया है?" नहीं, बल्कि वह सत्य है तेरे रब की ओर से, ताकि तू उन लोगों को सावधान कर दे जिनके पास तुझसे पहले कोई सावधान करनेवाला नहीं आया। कदाचित वे मार्ग पाएँ