You are here: Home » Chapter 3 » Verse 64 » Translation
Sura 3
Aya 64
64
قُل يا أَهلَ الكِتابِ تَعالَوا إِلىٰ كَلِمَةٍ سَواءٍ بَينَنا وَبَينَكُم أَلّا نَعبُدَ إِلَّا اللَّهَ وَلا نُشرِكَ بِهِ شَيئًا وَلا يَتَّخِذَ بَعضُنا بَعضًا أَربابًا مِن دونِ اللَّهِ ۚ فَإِن تَوَلَّوا فَقولُوا اشهَدوا بِأَنّا مُسلِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

फिर अगर इससे भी मुंह फेरें तो (कुछ) परवाह (नहीं) ख़ुदा फ़सादी लोगों को खूब जानता है (ऐ रसूल) तुम (उनसे) कहो कि ऐ अहले किताब तुम ऐसी (ठिकाने की) बात पर तो आओ जो हमारे और तुम्हारे दरमियान यकसॉ है कि खुदा के सिवा किसी की इबादत न करें और किसी चीज़ को उसका शरीक न बनाएं और ख़ुदा के सिवा हममें से कोई किसी को अपना परवरदिगार न बनाए अगर इससे भी मुंह मोडें तो तुम गवाह रहना हम (ख़ुदा के) फ़रमाबरदार हैं