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Sura 3
Aya 36
36
فَلَمّا وَضَعَتها قالَت رَبِّ إِنّي وَضَعتُها أُنثىٰ وَاللَّهُ أَعلَمُ بِما وَضَعَت وَلَيسَ الذَّكَرُ كَالأُنثىٰ ۖ وَإِنّي سَمَّيتُها مَريَمَ وَإِنّي أُعيذُها بِكَ وَذُرِّيَّتَها مِنَ الشَّيطانِ الرَّجيمِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर जब उसके यहाँ बच्ची पैदा हुई तो उसने कहा, "मेरे रब! मेरे यहाँ तो लड़की पैदा हुई है।" - अल्लाह तो जानता ही था जो कुछ उसके यहाँ पैदा हुआ था। और वह लड़का उस लडकी की तरह नहीं हो सकता - "और मैंने उसका नाम मरयम रखा है और मैं उसे और उसकी सन्तान को तिरस्कृत शैतान (के उपद्रव) से सुरक्षित रखने के लिए तेरी शरण में देती हूँ।"