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Sura 3
Aya 199
199
وَإِنَّ مِن أَهلِ الكِتابِ لَمَن يُؤمِنُ بِاللَّهِ وَما أُنزِلَ إِلَيكُم وَما أُنزِلَ إِلَيهِم خاشِعينَ لِلَّهِ لا يَشتَرونَ بِآياتِ اللَّهِ ثَمَنًا قَليلًا ۗ أُولٰئِكَ لَهُم أَجرُهُم عِندَ رَبِّهِم ۗ إِنَّ اللَّهَ سَريعُ الحِسابِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और किताबवालों में से कुछ ऐसे भी है, जो इस हाल में कि उनके दिल अल्लाह के आगे झुके हुए होते है, अल्लाह पर ईमान रखते है और उस चीज़ पर भी जो तुम्हारी ओर उतारी गई है, और उस चीज़ पर भी जो स्वयं उनकी ओर उतरी। वे अल्लाह की आयतों का 'तुच्छ मूल्य पर सौदा' नहीं करते, उनके लिए उनके रब के पास उनका प्रतिदान है। अल्लाह हिसाब भी जल्द ही कर देगा