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Sura 3
Aya 152
152
وَلَقَد صَدَقَكُمُ اللَّهُ وَعدَهُ إِذ تَحُسّونَهُم بِإِذنِهِ ۖ حَتّىٰ إِذا فَشِلتُم وَتَنازَعتُم فِي الأَمرِ وَعَصَيتُم مِن بَعدِ ما أَراكُم ما تُحِبّونَ ۚ مِنكُم مَن يُريدُ الدُّنيا وَمِنكُم مَن يُريدُ الآخِرَةَ ۚ ثُمَّ صَرَفَكُم عَنهُم لِيَبتَلِيَكُم ۖ وَلَقَد عَفا عَنكُم ۗ وَاللَّهُ ذو فَضلٍ عَلَى المُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और अल्लाह ने तो तुम्हें अपना वादा सच्चा कर दिखाया, जबकि तुम उसकी अनुज्ञा से उन्हें क़त्ल कर रहे थे। यहाँ तक कि जब तुम स्वयं ढीले पड़ गए और काम में झगड़ा डाल दिया और अवज्ञा की, जबकि अल्लाह ने तुम्हें वह चीज़ दिखा दी थी जिसकी तुम्हें चाह थी। तुममें कुछ लोग दुनिया चाहते थे और कुछ आख़िरत के इच्छुक थे। फिर अल्लाह ने तुम्हें उनके मुक़ाबले से हटा दिया, ताकि वह तुम्हारी परीक्षा ले। फिर भी उसने तुम्हें क्षमा कर दिया, क्योंकि अल्लाह ईमानवालों के लिए बड़ा अनुग्राही है