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Sura 19
Aya 62
62
لا يَسمَعونَ فيها لَغوًا إِلّا سَلامًا ۖ وَلَهُم رِزقُهُم فيها بُكرَةً وَعَشِيًّا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

वह लोग वहाँ सलाम के सिवा कोई बेहूदा बात सुनेंगे ही नहीं मगर हर तरफ से इस्लाम ही इस्लाम (की आवाज़ आएगी) और वहाँ उनका खाना सुबह व शाम (जिस वक्त चाहेंगे) उनके लिए (तैयार) रहेगा