23فَأَجاءَهَا المَخاضُ إِلىٰ جِذعِ النَّخلَةِ قالَت يا لَيتَني مِتُّ قَبلَ هٰذا وَكُنتُ نَسيًا مَنسِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई। वह कहने लगी, "क्या ही अच्छा होता कि मैं इससे पहले ही मर जाती और भूली-बिसरी हो गई होती!"