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Sura 13
Aya 25
25
وَالَّذينَ يَنقُضونَ عَهدَ اللَّهِ مِن بَعدِ ميثاقِهِ وَيَقطَعونَ ما أَمَرَ اللَّهُ بِهِ أَن يوصَلَ وَيُفسِدونَ فِي الأَرضِ ۙ أُولٰئِكَ لَهُمُ اللَّعنَةُ وَلَهُم سوءُ الدّارِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो लोग ख़ुदा से एहद व पैमान को पक्का करने के बाद तोड़ डालते हैं और जिन (तालुकात बाहमी) के क़ायम रखने का ख़ुदा ने हुक्म दिया है उन्हें क़तआ (तोड़ते) करते हैं और रुए ज़मीन पर फ़साद फैलाते फिरते हैं ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए लानत है और ऐसे ही लोगों के वास्ते बड़ा घर (जहन्नुम) है