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Sura 10
Aya 54
54
وَلَو أَنَّ لِكُلِّ نَفسٍ ظَلَمَت ما فِي الأَرضِ لَافتَدَت بِهِ ۗ وَأَسَرُّوا النَّدامَةَ لَمّا رَأَوُا العَذابَ ۖ وَقُضِيَ بَينَهُم بِالقِسطِ ۚ وَهُم لا يُظلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (दुनिया में) जिस जिसने (हमारी नाफरमानी कर के) ज़ुल्म किया है (क़यामत के दिन) अगर तमाम ख़ज़ाने जो जमीन में हैं उसे मिल जाएँ तो अपने गुनाह के बदले ज़रुर फिदया दे निकले और जब वह लोग अज़ाब को देखेगें तो इज़हारे निदामत करेगें (शर्मिंदा होंगे) और उनमें बाहम इन्साफ़ के साथ हुक्म दिया जाएगा और उन पर ज़र्रा (बराबर ज़ुल्म न किया जाएगा