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Sura 10
Aya 36
36
وَما يَتَّبِعُ أَكثَرُهُم إِلّا ظَنًّا ۚ إِنَّ الظَّنَّ لا يُغني مِنَ الحَقِّ شَيئًا ۚ إِنَّ اللَّهَ عَليمٌ بِما يَفعَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उनमें से अधिकतर तो बस अटकल पर चलते है। निश्चय ही अटकल सत्य को कुछ भी दूर नहीं कर सकती। वे जो कुछ कर रहे हैं अल्लाह उसको भली-भाँति जानता है