34قُل هَل مِن شُرَكائِكُم مَن يَبدَأُ الخَلقَ ثُمَّ يُعيدُهُ ۚ قُلِ اللَّهُ يَبدَأُ الخَلقَ ثُمَّ يُعيدُهُ ۖ فَأَنّىٰ تُؤفَكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "क्या तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारों में कोई है जो सृष्टि का आरम्भ भी करता हो, फिर उसकी पुनरावृत्ति भी करे?" कहो, "अल्लाह ही सृष्टि का आरम्भ करता है और वही उसकी पुनरावृति भी; आख़िर तुम कहाँ औधे हुए जाते हो?"