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Sura 10
Aya 3
3
إِنَّ رَبَّكُمُ اللَّهُ الَّذي خَلَقَ السَّماواتِ وَالأَرضَ في سِتَّةِ أَيّامٍ ثُمَّ استَوىٰ عَلَى العَرشِ ۖ يُدَبِّرُ الأَمرَ ۖ ما مِن شَفيعٍ إِلّا مِن بَعدِ إِذنِهِ ۚ ذٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُم فَاعبُدوهُ ۚ أَفَلا تَذَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इसमें तो शक़ ही नहीं कि तुमरा परवरदिगार वही ख़ुदा है जिसने सारे आसमान व ज़मीन को 6 दिन में पैदा किया फिर उसने अर्श को बुलन्द किया वही हर काम का इन्तज़ाम करता है (उसके सामने) कोई (किसी का) सिफारिशी नहीं (हो सकता) मगर उसकी इजाज़त के बाद वही ख़ुदा तो तुम्हारा परवरदिगार है तो उसी की इबादत करो तो क्या तुम अब भी ग़ौर नही करते